bhoot ki kahaniyan for Dummies

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उसने मुझे दूर से इशारा किया। मैं यह सोच रहा था कि इतनी रात में ये यहाँ क्या कर रहा है? पर खेर छोड़ो मैं तो बड़ा खुश था कि कम से कम मुझे कोई साथी तो मिल गया। अब मेरा डर कम हो गया है क्योंकि इस सन्नाटे में चुप्पी तोड़ने के लिए कोई तो है मेरे साथ।

सोनू : पापा उस कुएं के भूत ने सभी को परेशान कर रखा है.. और कोई भी कुछ नहीं कर पा रहा है..

  लेकिन एक रात जब तुम्हारी मासी सो रही थी तब उन्हें अचानक कोई उनके गर्दन के दायें तरफ धीरे से मुँह से काटने लगा लेकिन जब तुम्हारी मासी ने चिल्लाना चाहा तब वह बोल नहीं पाई लेकिन उससे ठीक से महसूस हो रहा था कि कोई उसके गर्दन को मुँह से लगातार काट रहा था। फिर उसने डरके मारे "ओह साई बाबा" कहके चिल्लाया। तब उस भूत ने उन्हें छोड़ दिया।लेकिन जब तुम्हारे मासाजी ने मासी की आवाज़ सुनते ही लाइट आन की तब तुम्हारी मासी को हैरानी हुवी क्योंकि तुम्हारे मासाजी और भाई दोनों ही उससे काफी दूर में सोए हुवे थे और तुम्हारी मासी चौक गयी जब उसने अपने गर्दनपर हात डाली तब वह गीला था!!!

कहानी से सीख- समस्या चाहे कैसी भी हो, अगर बुद्धि का प्रयोग किया जाए तो उससे निजात पाया जा सकता है।

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दिनभर की भीड़भाड़ में लोग कब्रिस्तान को एक साधारित स्थान मानते हैं, लेकिन रात को यहां एक अलगी दुनिया उभरती है। राजा की आत्मा ने युवक को अज्ञात सत्रीयों के बीच ले जाकर उनके साथ मिलकर खेलने का आनंद लेने का अनुमति दी, और यह दृश्य युवक के लिए अद्वितीय रहा।

देर रात में हाल के फर्श पर बेडशीट डाले लेटा हुवा था।भले ही आंख बंद थी लेकिन नींद नहीं आयी थी। पैर भी ज़ोर से दर्द कर रहा था। उस हाल से अट्टाच होकर एक बेडरूम था। वह रात उस बैडरूम का दरवाजा धीरे से आवाज़ करती हुई खुली। फिर वहाँ से किसी की कदमों की आवाज़ें आने लगीं। वह कदम चलते चलते मेरे पास से गुज़रगयीं। ठीक से महसूस हुआ कि कोई मेरे पास से चलता गया।

फिर दूसरा website आदमी : तुमने बिल्कुल सही कहा.. उस कुएं के पास जाना मतलब अपनी जान से हाथ धो बैठना है..

" उसी घर में जहाँ हम छुट्टी में गए थे? " मैंने डरते हुवे पूछा था।

” बुजुर्ग ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “राजू, यह खिलौना तुम्हारे सपनों की दुनिया में ले जाएगा।”

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ऐसी जगहों पर इन्‍हे महसूस किया जा सकता है। यह रूहें हमेशा अपने आप को आम दुनिया से अलग रखना चाहती है। जब हम कभी किसी ऐसी जगह पर एकांत में होते हैं तो इन रूहों का आभास हमें होता है। इनकी भी प्रकृति बिलकुल सांपों से मिलती जुलती है, जब इंसान के सामने कोई सांप अचानक आ जाता है तो वो इंसानों के पैरों के कदमों के आहट के अनुसार चल कर उस जगह से भागना चाहता है, लेकिन एक शब्‍द जिसे डर कहते हैं उसे इंसानी स्‍वाभाव नहीं छोड़ पाता है और उसके फलस्‍वरूप वो सांप को दुश्‍मन मान कर उन्‍हे छेड़ता है या मार देता है। असली भूत की कहानी।

  " लेकिन तुम्हें एक और बात पता है इन भूतों के बारे में?!" उन्होंने पूछा था।

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